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पिंकी जोशी : देश के एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने सीबीआई के समक्ष दावा किया है कि हैकिंग के लिए दुनियाभर में कुख्यात चीनी हैकरों ने कंप्यूटर वायरस फैलाने के लिए भारत के 19 हाईकोर्ट के लिए बनाई गई वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट बनाई है जो इसके इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के कंप्यूटर में घुसकर उसे नष्ट कर सकती है।
साइबर सुरक्षा सलाहकार और पूर्व नौसैनिक अधिकारी कमांडर [सेवानिवृत्त] मुकेश सैनी ने हाल ही सीबीआई के साइबर अपराध शाखा के इन कथित हैकरों द्वारा बनाई गई घातक डिजाइनों को दिखाया जो इसकी जांच कर रहे हैं।
अपनी रिपोर्ट में सैनी ने बताया कि असली वेबसाइटों की तरह ही इन फर्जी वेबसाइटों के काम करने का तरीका है। उदाहरण के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की वेबसाइट का पता दिल्लीहाईकोर्टडॉटएनआईसी डॉट इन है जबकि फर्जी वेबसाइट का पता दिल्लीडॉटहाईकोर्टडॉटइन है। सैनी ने कहा कि जब हमने वेबसाइट के 'स्क्रिप्ट' पढ़े तो पता चला कि सर्वर में डॉट सीएन का पता था। इसके अलावा इस वेबसाइट को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया 'स्क्रिप्ट' घोषित रूप से वायरस प्रोग्राम है। ये वेबसाइटें बहुत खतरनाक हैं क्योंकि यदि किसी ने भूल से भी इस वेबसाइट को खोला तो वायरस उनके कंप्यूटर सिस्टम में फैल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस वायरस का प्रोग्राम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि व्यक्ति का कंप्यूटर सामान्य तरीके से काम करेगा, लेकिन हैकर बिना व्यक्ति की जानकारी के कोई भी सूचना उसके वायरस ग्रस्त कंप्यूटर से ले सकते हैं।
साइबर सुरक्षा कंपनी चलाने वाले सैनी ने कहा कि ऐसी वेबसाइट उनके ध्यान में उस समय आई जब वह उन रिपोर्टों की जांच कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि पटना हाईकोर्ट की फर्जी वेबसाइट के जरिए नौकरी देने का घोटाला चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे की जांच में पता चला कि देश के 19 हाईकोर्ट की वेबसाइटों की तरह की वेबसाइटें मौजूद हैं।
साइबर सुरक्षा सलाहकार और पूर्व नौसैनिक अधिकारी कमांडर [सेवानिवृत्त] मुकेश सैनी ने हाल ही सीबीआई के साइबर अपराध शाखा के इन कथित हैकरों द्वारा बनाई गई घातक डिजाइनों को दिखाया जो इसकी जांच कर रहे हैं।
अपनी रिपोर्ट में सैनी ने बताया कि असली वेबसाइटों की तरह ही इन फर्जी वेबसाइटों के काम करने का तरीका है। उदाहरण के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की वेबसाइट का पता दिल्लीहाईकोर्टडॉटएनआईसी डॉट इन है जबकि फर्जी वेबसाइट का पता दिल्लीडॉटहाईकोर्टडॉटइन है। सैनी ने कहा कि जब हमने वेबसाइट के 'स्क्रिप्ट' पढ़े तो पता चला कि सर्वर में डॉट सीएन का पता था। इसके अलावा इस वेबसाइट को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया 'स्क्रिप्ट' घोषित रूप से वायरस प्रोग्राम है। ये वेबसाइटें बहुत खतरनाक हैं क्योंकि यदि किसी ने भूल से भी इस वेबसाइट को खोला तो वायरस उनके कंप्यूटर सिस्टम में फैल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस वायरस का प्रोग्राम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि व्यक्ति का कंप्यूटर सामान्य तरीके से काम करेगा, लेकिन हैकर बिना व्यक्ति की जानकारी के कोई भी सूचना उसके वायरस ग्रस्त कंप्यूटर से ले सकते हैं।
साइबर सुरक्षा कंपनी चलाने वाले सैनी ने कहा कि ऐसी वेबसाइट उनके ध्यान में उस समय आई जब वह उन रिपोर्टों की जांच कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि पटना हाईकोर्ट की फर्जी वेबसाइट के जरिए नौकरी देने का घोटाला चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे की जांच में पता चला कि देश के 19 हाईकोर्ट की वेबसाइटों की तरह की वेबसाइटें मौजूद हैं।
पिंकी जोशी |
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