पिंकी जोशी : भारत ने आज देश में विकसित टैक्टिकल मिसाइल प्रहार का पहला सफल परीक्षण किया। एक चरण की इस मिसाइल में ठोस ईंधन भरा है। ये मिसाइल प्रणाली अलग अलग लक्ष्यों पर मार करने के लिए एक बार में छह मिसाइल दाग सकती है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि प्रहार के परीक्षण के लिए एहतियात के तौर पर चांडीपुर रेंज के आसपास के पांच गांव के करीब तीन हजार निवासियों को दूसरी जगह ले जाया गया था।
आज सुबह आठ बजकर दस मिनट पर ओड़िशा तट के पास चांडीपुर आई टी आर के परिसर तीन से यह मिसाइल का परीक्षण किया गया। प्रहार मिसाइल विकास के तहत पिछले चार वर्षो से किया जा रहा था। पारम्परिक रूप से सक्षम मिसाइल ले जाने वाली और ओमनी विकासात्मक हथियार के साथ सुसज्जित प्रहार मिसाइल दोनों सामरिक और रणनीतिक लक्ष्य को मारने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रहार एक सड़क मोबाइल प्रणाली से काम करता है और बहुत सारी केबिना कुछ मिनट के समय में ही तैनात किया जा सकता है। ये मिसाइल १५० किलोमीटर के अन्दर कोई भी लक्ष्य को भेद कर सकता है। नई तकनीक और बुनियादी ढांचे के बारे में प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने जोर देकर कहा है कि देश में वृद्धि दर की गति बढ़ाने के लिए सरकारी विभागों को नई टैक्नोलॉजी अपनानी चाहिए।
नई दिल्ली में संचार टैक्नॉलजी के बारे में विचार गोष्ठी में श्री पित्रोदा ने कहा कि देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र में ब्रॉडबैंड का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि अगर देश की वृद्धि दर दहाई में पहुंच जाए तभी गरीबों की समस्याओं का समाधान हो सकता है। उनका यह भी कहना था कि बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों को उन्नत प्रौद्योगिकी से जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर १४ प्रतिशत तक हो सकती है।